Monday, October 3, 2011

महफ़िल-महफ़िल..


महफ़िल-महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है,
खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता है...
~ डॉ. कुमार विश्वास

1 comment:

  1. उसकी आँखों से दिल तक जाना,
    रस्ते में ये मयखाना तो पड़ता है.
    तुझको पाने की कोशिश में ख़त्म हुए,
    तेरे प्यार में इतना जुर्माना तो पड़ता है...

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